शनिवार, 11 अप्रैल 2020

लॉकडाउन नहीं सुरक्षा कवच

खुद को घर में कैद समझने से पहले सोचना होगा कि अमेरिका, इटली और ब्रिटेन कोरोना से जितनी मौत हुई है उससे कम भारत में संक्रमित हुए हैं. भारत सरकार की जिदबाजी कहिए या भारतीयों की जागरूकता कि अन्य देशों के मुकाबले मौत का आंकड़ा लगभग 250 तक ही है. आर्थिक नुकसान से तो कभी भी निपटा जा सकता है. फिलहाल तो सवाल जिंदगी बचाने का है. इसलिए लॉकडाउन को चक्रव्यूह नहीं, सुरक्षा कवच समझिए. घर पर रहें सुरक्षित रहें. इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि कहीं कोरोना से जीवन बचाने की लड़ाई में लगे महायोद्धाओं का जीवन ही दांव पर ना लग जाए. लड़ाई अभी लंबी है, लेकिन जीत जाएंगे हम तुम अगर दूर हो. बस सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, सेनेटाइजर के साथ-साथ सरकारी गाइडलाइन का पालन ईमानदारी से किया जाएगा, हम जरूर कामयाब होंगे एक दिन.

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