सोमवार, 9 मार्च 2009

ब् स की माया

बस का ही फर्क है ब हो या स। वर्तमान में दुनिया में ताकत के दो ही ध्रुव है। ओर उनमे सिर्फ़ ब ओर स का ही फर्क है। ओ + बा+ मा= ओबामा, ओ+सा+मा = ओसामा। ओ + __ + मा में बा लिख दिया जाए तो दुनिया का सबसे पवारफुल शख्स बन जाता है ओबामा। जिसको दुनिया का हर शख्स मानता है। अगर ओ + __ + मा में सा लिख दिया जाए तो ओसामा बन जाता है जिसके नाम से ही हर किसी का दिल दहल जाता है। यही तो बस की माया का कमाल। दोनों की कर्मस्थली के नाम भी शुरू होते है अ से। एक का अमेरिका तो दुसरे का अफानिस्तान। सब एक ही है। बस सोच का अन्तर है।

मंगलवार, 3 मार्च 2009

शर्मनाक

जेंटलमैन खेल पर आतंक की काली छाया ने जो कालिख लगायी है, वह दुर्भाग्यपूर्ण ही नहीं शर्मनाक है। हौंसलों से लबरेज श्री लंका टीम ने आतंक का पर्याय बने पाक में खेलने का जो साहस दिखाया था, उसे आतंक ने साफ बोल्ड कर दिया है। इसने क्रिकेट की साख पर तो बट्टा लगाया ही है पाक में इस खेल का सफाया हो जाने का संकेत भी दे दिया है। अब तो वर्ल्ड कप के एशिया में आयोजन पर भी सवालिया निशान लग गया है। आयोजन तो हाथ से गया ही पाक की टीम अब इसमे खेल भी सकेगी? इस पर भी सवाल खड़ा हो गया है।