सर्दी में धूप का
गर्मी में बारिश का करता जो इंतजार.
गर्मी में बारिश का करता जो इंतजार.
वो है मेहनतकश
निकलना है घर से
क्योंकि भरना है पेट
बाकी तो एसी में
ठंडा क्या गरम
एसी कहां प्रकृति
किसका मौसम
किसकी मस्ती.
पचा लेता है सब
क्योंकि ये पेट है,
कोई मौसम नहीं.
पेट तो पेट वो भी पापी.
-हरीश भट्ट
निकलना है घर से
क्योंकि भरना है पेट
बाकी तो एसी में
ठंडा क्या गरम
एसी कहां प्रकृति
किसका मौसम
किसकी मस्ती.
पचा लेता है सब
क्योंकि ये पेट है,
कोई मौसम नहीं.
पेट तो पेट वो भी पापी.
-हरीश भट्ट
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