देखें तो चार अक्षर का एक शब्द है समझौता
सच में जीवन का सार है समझौता
जन्म से बुढ़ापे तक होता है समझौता
बचपन में खिलौनों से, पढ़ाई में स्कूल से
जवानी में नौकरी से, बाद में परिवार से
और न जाने कहां-कहां होता है समझौता
जीवन के हर मोड़ पर करते है हम समझौता
जैसे शब्द नहीं, हमारा भगवान हो समझौता
अब तो हाल यह है कि
समझौता करने को भी करते है 'समझौता'
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