मंगलवार, 27 जुलाई 2010

प्रेरणा स्रोत


यह नामों की लिस्ट नहीं है, न ही पत्थर की एक मूर्ति भर. यह स्तम्भ बना है, उनकी यादों को जिंदा रखने लिए जिन्होंने अपने प्राणों की बाजी लगा दी, हमारे प्राणों के लिए. इस स्तम्भ पर उकेरे गए नाम तो सिर्फ एक छोटी सी निशानी है, उनको यादों को हमेशा जिंदा रखने के लिए. इस स्तम्भ पर अंकित एकएक अक्षर हमारे और आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत है. आज हम और आप सिर्फ और सिर्फ इन नामों की बदौलत सुकून से अपना जीवन जी पा रहे है. जरा सोचिए अगर इन नामों ने भी ऐशोआराम की चाह रखी होती, तो हमारा क्या होता. हमारा हर पल, हर दिन चैनोसुकून से बीते, हम पर कोई आंच न आए, उसके लिए इन्होंने अपना जीवन न्यौछावर कर दिया. ऐसे साहसी और देश पर मरमिटने वालों को हमारा कोटिकोटि प्रणाम.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें